aasma

Translate

Monday, January 13, 2014

निहारूं तो अपना ही दिल जलेगा…

उम्रभर की ख़ुशी मांगी थी हमने
आपने दर्द का आइना थमा दिया
तोड़ दू तो काँटों की चुभन होगी
और निहारूं तो अपना ही दिल जलेगा…




रिश्ते न होते जीवन की राहों में
तो खुद को रुसवा भी कर जाता
वादों का बंधन न बांधता अगर
तो शायद जीना भी न आजमाता
उम्मीद थी मुस्कराहट कमाने की
और ताउम्र कोशिश भी की
पर आपने तो संगदिली से
नाकामयाबी का दामन थमा दिया...
उम्रभर की ख़ुशी मांगी थी हमने
आपने दर्द का आइना थमा दिया...

गम भी न कर सका इस बात का
दिल मुस्कुराने को मजबूर था
हम खुद को घसीटते रहे और
वक़्त को अपने सितम पे ग़ुरूर था
एक झटके की ख्वाइश थी
और शायद सबकुछ बदल जाता
पर आपने तो बोझल पलकों तले
आंसू छिपाने का फैसला सुना दिया
उम्रभर की ख़ुशी मांगी थी हमने
आपने दर्द का आइना थमा दिया...
तोड़ दू तो काँटों कि चुभन होगी
और निहारूं तो आपना ही दिल जलेगा…

Written by Chanda

एक शिकन के उभार तो देखो....

Sunday, January 12, 2014

एक शिकन के उभार तो देखो....













"एक शिकन के उभार तो देखो
हर सितम समेट लेती है
न रोती है, न मुस्कुराती है
बस एक लकीर सी खींच देती है
हम भी हर गम पलकों पे उठाकर
इसी के दामन में छुप जाते हैं
पलकों में आंसू भींच लेते हैं और....
बस एक शिकन में सिमट जाते हैं."

अगर सितम करने का हक़ मुझे होता....

Written by Chanda

Saturday, January 11, 2014

अगर सितम करने का हक़ मुझे होता....

अगर सितम करने का हक़ मुझे होता
तो लोगो कि चुभन न देखती मैं
बस उनकी अच्छाइयाँ देखती और,
उसे ही रोने की वजह बना देती.....

तुम पूछोगे कि क्या मिलता मुझे
वो सुकून, या एक चुभन का दर्द
तो मैं बस इतना बताना चाहती हूँ
ये इंसानियत है, जो ख्वाब देना चाहती है
एक इंसान है जो दर्द देना जानता है
और मैं एक पत्थर हूँ बिना एहसासो की
जो न तो खुशी देती है, न गम लेती है
बस एक वार करती है और, चीजें बिखर जाती है....
सच में, अगर सितम करने का हक़ मुझे होता.....

Koi To Puchhe Ki Dil Kyu Roya

Written by Chanda

Sunday, January 5, 2014

इश्क़ है

इश्क़ है, इश्क़ पे फनाह होने की  वजह नही
दिल है, दिल में सुकून के लिए जगह नही
दुआ है, पर मांगने की कोई खास सबब नही
जिंदगी है, पर जीने की कोई जिरह नही

उम्र है, हरपल कुछ खोने का एहसास कराती हुई
वक़्त है, गुजरते पलों  में अपना वजूद जताती हुई
नाउम्मीदी है, मेरे झरोखों पे अपनी टेक लगाती हुई
आंसू है, मेरे चेहरे पे भावों के बाण चलाती हुई

दोस्त हैं, खुशियों में साथ निभाते हुए
सपने हैं, मेरे दामन से अपना पीछा छुड़ाते हुए
नींद है, कहीं दूर चुप्पी लगाये हुए
ख़ामोशी है, मेरे दर्द को सीने से लिपटाये हुए


अस्तित्व है, पर उससे बहुत दुरी है
मैं वजह हूँ जिसकी जिद अभी अधूरी है
कोई उम्मीद है शायद अब तक कहीं दूर
जो वजूद है, मेरे जीने के लिए जरुरी है।

Written by Chanda